एसिडिटी के लिए योग | Yoga for Acidity

 एसिडिटी के लिए योग | Yoga for Acidity

 एसिडिटी क्या है | What is Acidity

एसिडिटी किसी को भी हो सकती है | बच्चे, जवान, वृद्ध, महिलाएं सभी को | इसमें हमें पेट में जलन होती है | खट्टी डकार आती हैं | जब हम खाना खाते हैं और वह हमारी पेट में (अमाशय) जाता है वहां पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हमारे भोजन में मिलता है और उसे तोड़ता है | भोजन का पाचन करता है |

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (hydrochloric acid)

हमारे पेट में अधिक मात्रा में बनने लगता है या जितनी जरूरत है भोजन को पचाने के लिए उससे अधिक मात्रा में बनने लगता है | इसे ही एसिडिटी कहते हैं | इसमें अनेक समस्याएं आने लगती हैं जैसे पेट में जलन होना, खट्टी डकार आना, भूख न लगना, पेट भरा भरा सा लगना | अन्य तरह की समस्याएं होती हैं |

एसिडिटी के लिए योग | Yoga for Acidity

 

एसिडिटी के लक्षण

1.सीने में दर्द होना

2.खट्टी डकार आना

3.जी मिचलाना घबराहट होना

4.सूख खांसी होना

5.हिचकी आना

6.पेट में गैस बनना

7.छाती में जलन महसूस होना

8.पेट फूला फूला सा रहना

 

एसिडिटी के कारण

1.टाइम पर भोजन न करना

2.अधिक मिर्च मसाले युक्त भोजन करना

3.जंक फूड, बाहर का खाना

4.पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड कम या अधिक बनना

5.पूरी नींद न लेना

6.अधिक उम्र होना

7.तनाव में रहना, चिंता करना

8.धूम्रपान करना या तमाखू गुटका खैनी खाना

9.शरीर अधिक मोटा होना

10.जरूरत से ज्यादा खाना या बिल्कुल ही नहीं खाना

11.शारीरिक व्यायाम नहीं करना, बैठे रहना

12.शराब पीना, कोल्डड्रिंक पीना

13.खट्टे पदार्थ अधिक मात्रा में खाना

14.किसी को मांसाहार खाने पर भी होने लगता है

 

एसिडिटी का इलाज

1.सबसे पहले एसिडिटी होने के कारणों को दूर कर देना

2.जठर संबंधी समस्याएं होती हैं  

3.खाना खाने के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए

4.तैलीय मसालेदार पदार्थों का सेवन नहीं करें

5.खाने के बीच में पानी न पीना

6.खाना खाने के 45 मिनट पहले या 45 मिनट बाद पानी पीना

7.शरीर में आवश्यकता के अनुसार पानी पीना, इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं

8.हल्का गर्म (गुनगुना) खाना खाने के बाद पानी पीना

9.अपनी जीवनशैली में बदलाव करना

10.एक सही समय खाने का बनाना

11.प्रतिदिन एक निश्चित समय सोने का बनाना

12.कम से कम 7 से 8 घंटे प्रत्येक दिन नींद लेना

13.चिंता नहीं करना, तनाव में नहीं रहना

14.हमेशा खुश रहना, व्यर्थ बातों को मन में सोचते नहीं रहना

15.हल्का और ताजा भोजन करना

16.बासी भोजन न करें

17.बहुत ज्यादा गर्म भोजन न करें

18.भोजन को चबा चबाकर खाना

19.अधिक चबाने से सलाइवा मिले जिससे पाचन ठीक होता है

 

एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज

1.मुन्नका रात में पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाना

2.खाली पेट तुलसी के पत्ते खाना

3.अदरक में सेंधा नमक लगाकर खाने के पहले कौर के साथ खाना

4.खाली पेट अनार खाना

5.खाली पेट एलोवेरा का जूस पीना

6.कुछ दिन तक रात में सोते समय गर्म पानी के साथ थोड़ा सा त्रिफला चूर्ण लेना

7.उबला हुआ पानी पीना चाहिए

8.भोजन को गले तक नहीं खाना चाहिए

9.देर से पचने वाले पदार्थों को कम मात्रा में खाना चाहिए

10.थोड़ा सा खाली पेट दूध पीने से भी एसिडिटी समाप्त हो जाती है

11.बीच-बीच में थोडा-थोडा पानी पीते रहना चाहिए इससे एसिड पतला हो जाता है acid dilute with water

 

एसिडिटी होने के परिणाम

1.पाचक रस ठीक से नहीं बन पाते

2.एसिडिटी होने से खून की कमी हो सकती है

3.वजन कम हो सकता है

4.पेट में अल्सर या घाव हो सकते हैं

5.हमारी आंत प्रभावित हो सकती हैं

6.शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिससे अनेक रोग होते हैं

7.पोषक तत्व का अच्छे से अवशोषण नहीं होता

 

एसिडिटी दूर करने के लिए योगासन

वज्रासन

वज्रासन से पाचन क्रिया मजबूत होती है | भोजन के बाद एक ही आसन है जिसे कर सकते हैं | इससे अग्नि भी प्रदीप्त होती है | रक्त संचार बढ़िया होता है और पाचन क्रिया अच्छे से होती है |

 

पवनमुक्तासन

यह आसन भी पेट के लिए बहुत लाभकारी है पेट के गैस कब्ज और एसिडिटी को भी दूर करता है तथा मल त्याग करने में आसानी होती है | पेट के विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं |

योग निद्रा

योग निद्रा से हमारे मस्तिष्क को मजबूती मिलती है तथा पेट के रोग दूर होते हैं | नींद अच्छे से आती है |

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम से शरीर के समस्त रोग दूर होते हैं | विशेषकर पेट के रोग और मोटापा कम होता है | पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और हमारी समस्त इंद्रियां और समस्त अंग अच्छे से कार्य करते हैं |

पेट की खराबी के कारण ही हमारे अमाशय में सही से पाचक रस नहीं बनते अर्था पेट की गड़बड़ियों की वजह से एसिडिटी होती है और कपालभाति प्राणायाम बहुत ज्यादा लाभकारी होता है पेट के समस्त रोगों दूर होते है |

ध्यान रखें इसे धीरे धीरे करना चाहिए |

अनुलोम विलोम प्राणायाम

इस प्राणायाम से हमारा नर्वस सिस्टम मजबूत होता है एवं तंत्रिका तंत्र अच्छे से कार्य करता है | हमारे शरीर में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है | ब्लड  सरकुलेशन (रक्त संचार) प्रत्येक अंग तक अच्छे से होता है |

कपालभाति प्राणायाम की तरह ही अनुलोम विलोम प्राणायाम शरीर के समस्त रोगों को दूर करता है | यह हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा देता है |

ब्लड क्यूरिफाई होता है | रक्त शुद्ध होने की वजह से समस्त शरीर में संचालित होता है | हमारे समस्त अंग ठीक से कार्य करते हैं |

शीतकारी प्राणायाम

इस प्राणायाम से शरीर की गर्मी दूर होती है | पेट में पाचक रस अच्छे से बनते हैं | मन और शरीर शांत होता है | उच्च रक्त चाप सामान्य होता है | मांसपेशियां अच्छे से कार्य करती हैं | नींद बढ़िया आती है | शरीर की प्यास शांत होती है | तन और मन शीतल हो जाता है | प्रतिदिन अभ्यास से भूख और प्यास को नियंत्रण में किया जा सकता है |

चंद्रभेदी प्राणायाम

आहार नलिका और पेट की गर्मी को शांत करता है एवं शरीर को शीतलता प्रदान करता है | एसिडिटी और खट्टी डकारों को दूर करता है | उच्च रक्तचाप में लाभ होता है | तंत्रिका तंत्र ठीक से कार्य करता है |

शरीर की गर्मी को दूर करता है | तनाव और अनिद्रा दूर होती है |

आसन और प्राणायाम के लिए हमारे youtube channel healthyog से सीख सकते हैं | यूट्यूब चेनल healthyog को सर्च करें |

 

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