थायराइड वर्तमान समय की आम समस्या है | आजकल अधिकांश लोगों में देखने को मिलती है थायराइड एक ऐसा रोग है | जिसमें हमारे शरीर में अंतः स्रावी ग्रंथि को प्रभावित करती है |
यह ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर, गर्दन के सामने तितली के आकार की होती है | यह थायरोक्सिन नामक हार्मोन स्रावित करती है | यह शरीर के उर्जा मेटाबॉलिज्म को चयापचय, वजन, मूड और अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करते हैं | थायराइड ग्रंथि शरीर में स्थित कोशिकाओं को नियंत्रित करती है |
थायराइड के लिए योग में थायराइड ग्रंथि हार्मोन का स्त्राव करती है है | थायराइड ग्रंथि में आई गड़बड़ी के कारण ही थायराइड रोग होता है | रोग होने पर थायराइड ग्रंथि से हारमोंस स्त्राव कम या ज्यादा होने लगता है |
आयुर्वेद में थायराइड रोग को अवटु ग्रंथि विकार कहा गया है | थायराइड गले की बीमारी होती है जो शुरुआत में पता नहीं लगता है | लेकिन बढ़ने पर आसानी से गले पर नजर आने लगती है | महिलाओं को ज्यादा पुरुषों को कम होती है | इससे महिलाओं का वजन कम या ज्यादा होने लगता है |
इसमें गले पर सूजन हो जाती है | यह गले पर गोलाकार के जैसा सूज जाता है | यह आमतौर पर आयोडीन की कमी की वजह से होता है | भारत स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से थायराइड का इलाज खर्च कम कर दिया गया है | जिससे लोग अपना इलाज करवा सके | पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है |
थायराइड के प्रकार
थायराइड दो प्रकार से होता है
- हाइपर थायराइड
- हाइपो थायराइड
1 हाइपर थायराइड
यह थायराइड ग्रंथि अति सक्रियता के कारण होने वाला रोग है | इसकी अति सक्रियता के कारण हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है | जब इन हार्मोन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगे तो शरीर में इसका उपयोग अधिक मात्रा में होने लगता है इसे ही हायपर थायराइड कहते हैं |
हायपर थाइरोइड के लक्षण
- चिड़चिड़ापन |
- अधिक पसीना आना |
- बालों को पतला होना है एवं झाडना |
- घबराहट और बेचैनी होना |
- हाथों का कांपन |
- नींद आने की परेशानी अनिद्रा होना |
- दिल की धड़कन का बढ़ना |
- मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द होना |
- बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घट जाता है |
- महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है |
2 हाइपो थायराइड
यह थायराइड ग्रंथि की अल्प सक्रियता के कारण होने वाला रोग है | इसकी अल्प सक्रियता के कार्य सभी कार्य या कम गति से होने लग जाते हैं | इसे हाइपो थायराइड कहा जाता है |
हाइपो थाइरोइड के लक्षण
- हमेशा थकान बने रहना |
- मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना |
- धड़कन की धीमी गति कम होना |
- सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना |
- नाखून को पतला एवं टूटना |
- त्वचा में सूखापन आना खुजली होना पसीने में कमी |
- बालों का अधिक झड़ना |
- सोचने समझने की क्षमता में कमी होना |
- कब्ज, आंखों में सूजन आना है, बार.बार भूल जाना |
- खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाना |
- महिलाओं में से बांझपन आ सकता है |
- मासिक धर्म अनियमितता होती है |
- पुरुषों में इसकी वजह से अधिक स्ट्रेस बना रहता है |
थायराइड के लिए आहार
सभी के लिए थायराइड के इलाज के साथ-साथ उचित खानपान की भी आवश्यकता होती है | जिससे आप थायराइड पर नियंत्रण पा सकते हैं | बल्कि इसे रोक सकते हैं | थायराइड होने पर आपको ऐसे आहार लेनी चाहिए | जिसमें विटामिन और मिनरल्स ज्यादा हो उन वस्तुओं को अपने आहार में शामिल करें | फल और सब्जियां विटामिन, खनिज थायराइड के लिए लाभकारी हैं | साबुत अनाज, फायबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है |
यह थायराइड की अनियमितता में फायदेमंद होता है | जैसे हरी मिर्च, प्याज, लहसुन मशरूम, टमाटर, पनीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन पाए जाते हैं |
कम वसायुक्त भोजन
कम वसायुक्त भोजन कम वसायुक्त आहार का सेवन करें | इसके साथ ही गाय का दूध भी थायराइड के लिए काफी फायदेमंद बताया गया है | खाना बनाने के लिए भी नारियल तेल का या फिर ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें |
आयोडीन युक्त
भोजनआयोडीन युक्त भोजन से तात्पर्य है रोगी को ऐसा भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा हो | यह इसकी मात्रा थायराइड फंक्शन को प्रभावित करती है |
सीफूड खाकर (नॉनवेज)
आयोडीन भरपूर मात्रा में होता है | मछली, शंख. सीप, झींगा, समुद्री शैवाल |
थायराइड की समस्या में ये चीजे नहीं खाना चाहिए |
- सोया, शलजम, गोभी, ब्रोकली, फूल गोभी |
- शराब, कैफीन ये दोनों चिंता और अनिद्रा बढ़ाते हैं |
- मीठे पेय पदार्थ – सोडा, कोल्डड्रिंक, चीनी वाला मीठा जूस |
- मेदा, सफ़ेद ब्रेड, पास्ता, चावल – इनमें फाइबर कम होता है, कब्ज और वजन बढाता है |
थायराइड के लिए घरेलू उपचार
अलसी के बीज का एक चम्मच चूर्ण का प्रयोग प्रतिदिन करें
थायराइड में धनिया का पानी भी पी सकते हैं धनिया के पानी को पकाने के लिए शाम को तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें एक से दो चम्मच धनिया डाल दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मसलकर छानकर खाली पेट धीरे.धीरे पीने से काफी फायदा होगा
थायराइड मैं अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने पानी के साथ में दिन में दो बार प्रयोग करें | अदरक, हल्दी को थोड़ी मात्रा में खाने से भी फायदा होता है |
थायराइड के लिए 7 आसन Thyroid Ke Liye Yoga
1.विपरीत करणी
2.सर्वांगासन
3.हलासन
4.मत्स्यासन
5.भुजंगासन
6.सेतुबंधासन
7.उज्जायी प्राणायाम
8.सिंहासन
योग के अभ्यास एवं ध्यान के माध्यम से थायराइड में प्राकृतिक रूप से हमें मदद मिलती है | निमित्त योग के अभ्यास एवं ज्ञान के माध्यम से थायराइड से हमें छुटकारा मिल सकता है | यह हमारे जीवन को तनाव मुक्त करता है | इसके साथ ही जीवन को सरल एवं आनंद में बनाता है, परंतु इसका अभ्यस नियमित रूप से करना चाहिए |
विपरीतकरणी
- इस आसन को सर्वप्रथम जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं |
- अपने दोनों पैरों को घुटनों से बिना मोड लगभग 90 डिग्री का कोण बनाते हुए सीधा करें |
- अब अपनी कमर के हिस्से को और पैर को ऊपर की ओर उठाएं दोनों हाथों का सहारा देकर |
- इसी मुद्रा में कुछ समय तक स्थित रहें |
- फिर अपने सामान्य स्थिति में आ जाएँ |
- यह आसन थायराइड के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है | इससे हमारे थायराइड के साथ.साथ कमर एवं घुटनों के दर्द में भी आराम मिलाता है |
हलासन
- आसन को करने के लिए सर्वप्रथम जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं |
- अपने दोनों पैरों को कमर से मोड़कर उठाते हुए अपने सर के पीछे जमीन पर लगाएं |
- कमर को सहायता देने के लिए हाथों का उपयोग कर सकते हैं |
- कुछ समय तक इस स्थिति में बने रहे | फिर अपनी सामान्य स्थिति में आ जाए |
- आसन का अभ्यास करना थोड़ा मुश्किल है किंतु या थायराइड रोगियों के लिए लाभदायक है | क्योंकि इससे हमारे थायराइड ग्रंथि में अच्छा प्रभाव पड़ता है |
सर्वांगासन
- सर्वांगासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम पीठ के बल लेट जाएं |
- अब अपने दोनों पैरों को कमर के साथ 90 डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर की ओर उठाएं |
- यह स्थिति कुछ देर तक बनी रहे | फिर सामान्य स्थिति में वापस आकर लेट जाएं |
- आसन का अभ्यास थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है | इसका हमारे शरीर में सबसे ज्यादा कंधों पर असर पड़ता है | यह कंधों को मजबूत बनाता है | साथ ही हमारे थायराइड ग्रंथि पर इसका असर पड़ता है | इस वजह से थायराइड रोग के लिए लाभदायक है |
उज्जायी प्राणायाम
थायराइड के मरीजों के लिए उज्जायी प्राणायाम अति आवश्यक है | हमें आसनों के साथ ही उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास नियमित करना चाहिए | इसका हमारे गले पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है | जिससे इस तरह की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है |
थायराइड की सावधानियां
- सेट करो कि जंक फूड एवं फास्टफूड का सेवन कम से कम करें |
- धूम्रपान तंबाकू इन सब का सेवन ना करें |
- योग एवं व्यायाम का नियमित रूप से अभ्यास करें |
- थायराइड की समस्या अधिक होने के पहले ही डॉक्टर से इसकी जांच कराते रहें |
- तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें |
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