थाइरोइड ग्रंथि को सक्रीय कर उसे स्वस्थ बनाता है | इसलिए यह मोटापा, दुर्बलता दूर करता है और कद में वृद्धि करता है, थकान आदि दूर होते हैं | एड्रिनल, शुक्रग्रंथी एवं डिम्बग्रंथि को सबल बनाता है | असमय बालों का झड़ना व बाल सफ़ेद होना बंद हो जाता है |
सभी लाभ शीर्षासन के समान है, परन्तु इस आसन में यह विशेषता है की जिनके लिए शीर्षासन निषिद्ध है | वे भी इसको कर सकते हैं | दमा की 2–3 (स्टेज)अवस्थाओं के लिए यह आसन बहुत उपयोगी है, क्योंकि इस आसन में कंधे स्थिर होते हैं | उदर के अंगों आंत्र, लीवर, पेन्क्रियाज, इत्यादि उनके विकाओं को दूर करता है | मध्य पेट (डायफ्राम मध्यपट) पेशी पर पड़ने से तथा श्वास लेने छोड़ने (श्वास प्रश्वास) से डायफ्राम को मजबूत बनाता है, उसकी टोन में सुधार करता है | उम्र को बढाता है | लम्बी उम्र के लिए सर्वांगासन करें |
सर्वांगासन के फायदे | Benefits of Sarvangasana | लम्बी उम्र के लिए सर्वांगासन
अन्य लाभ सर्वांगासन के फायदे | Benefits of Sarvangasana
सर्वांगासन बालों को गिरने से रोकता है
यह आसन बालों के लिए बहुत लाभदायक है इसके नियमित अभ्यास से मस्तिष्क क्षेत्र में रक्त की सही आपूर्ति होती है जो पोषक तत्वों के आवागमन के लिए बहुत जरूरी है। रक्त संचार सिर की तरफ होने से अनेक लाभ मिलते हैं |
सर्वांगासन के फायदे | Benefits of Sarvangasana में यह त्वचा की देखभाल करे
त्वचा की खूबसूरती संबंधित समस्याओं से आप परेशान हैं तो आप को नियमित रूप से सर्वांगासन का अभ्यास करना चाहिए | यह त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाता और झुर्रियों, पिंपल्स होने पर ठीक होने लगते हैं | शरीर में किलेजन को बढ़ता है | उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकता है | अधिक उम्र होने के बाद भी आप बूढ़े नहीं दिखाते |
सर्वांगासन वजन को नियंत्रित करता है
यह आसन शरीर में मेटाबॉलिज्म क्रिया को कंट्रोल करने में मदद करता है और वजन को नियंत्रित करने में सहायता करता है। फेट को घटाता है | सर्वांगासन के अभ्यास से पेट हिप जांग और नितंबों के चारों और जमा फैट हटाने में मदद मिलती है। इससे मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है और शरीर के वजन को सामान्य करने में मदद मिलती है।
यौन समस्याओं के लिए सर्वांगासन
यौन समस्या और विकारों को दूर करने में आसन बहुत लाभकारी है। प्रोस्टेट, मूत्र विकार, डिम्ब बिकार आदि स्त्री, पुरषों के योन रोग ठीक होते हैं |
सर्वांगासन थायराइड के लिए
इस आसन के अभ्यास से थायराइड, पैरा थायराइड जैसी ग्रंथियों का बेलेंस होता है थायराइड से उचित मात्रा में थायरोक्सिन तत्व रक्त मिल पाता है | जो थायराइड समस्याओं को हल करने के लिए मददगार है। सर्वांगासन थायराइड पैरा थायराइड ग्रंथियों को एक्टिव करता है इससे पुरुष और महिला के हारमोंस बैलेंस करने में मदद मिलती है।
सर्वांगासन वैरिकोज़ शिरा के उपचार में
यह पैरों की रक्त वाहिकाओं में रक्त के दावा को कम कर देता है | इस प्रकार जो लोग वैरिकाज़ नस से पीड़ित हैं उनके लिए यह आसन वरदान साबित होता है।
वेरीकोज वेन से एक समस्या है जिसमें टांगो की नसें मोटी हो जाती हैं | यह उभरे हुए दिखने लगती हैं | सर्वांगासन में जब टांगे उठाई जाती है तो पैरों में रक्त का दबाव कम हो जाता है | वापस लौटते रास्ते से वेरीकोज वेंस के समस्या में राहत मिलती है।
सर्वांगासन से नेत्र रोग उपचार
अगर आप इस आसन को किसी विशेषज्ञ के निगरानी में करते हैं तो आपकी नेत्र दृष्टि ज्योति बढ़ेगी और नेत्र संबंधित समस्त परेशानियों से भी बचा जा सकता है । आंखों की रोशनी बढ़ती है | दिमाग की ओर वापस लौटने वाले रक्त की अधिक मात्रा के कारण आंखों की रोशनी ठीक होने लगती है।
सर्वांगासन से पेट में अल्सर को रोके
यह पेट संबंधी अंगों को सक्रिय करता और उचित एंजाइम के स्त्राव में मदद करता है | जिसके कारण कोलाइटिस, अल्सर आदि परिसानियों से छुटकारा मिलता है।
सर्वांगासन के फायदे | Benefits of Sarvangasana उच्च रक्तचाप में
इससे उच्च रक्तचाप कम होता है। बी.पी. कंट्रोल होता है, अधिक देर तक न करें धीरे धीरे करें |
सर्वांगासन कब्ज से छुटकारा दिलाता है
यह आसन पाचन क्रिया को बढ़ता है और कब्ज रोग पूरी तरह से कब्ज खत्म कर देता है। सर्वांगासन अभ्यास से पाचन में सुधार आता है और भोजन के सही पाचन से रोजमर्रा के जीवन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
सर्वांगासन रीढ़ की हड्डी को ताकत और लचीलापन बढ़ाता है इससे नर्वस सिस्टम के काम करने की क्षमता बढ़ जाती है।
सर्वांगासन किस रोग को दूर करने में मदद करता है
सर्वांगासन से ये रोग दूर होते हैं – थायराइड, अस्थमा, डायबिटीज, वेरीकोज वेंस, कब्ज, हाइपरटेंशन, सिर दर्द, ब्रोंकाइटिस, साइनोसाइटिस
सर्वांगासन क्या है।
सर्व+अंग = शरीर के सभी अंग | सर्वागासन से शरीर के सभी अंग मजबूत होते हैं, रोग दूर होते हैं इसे आसनों में सर्वश्रेष्ठ आसन है | सर्वांगासन योग पूरे शरीर यानी पैर की उंगलियों से लेकर मस्तिष्क तक फायदा पहुंचाता है । साथ ही साथ या कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है | सर्वांगासन योग में आसनों के राजा के नाम से पुकारा जाता है क्योंकि यह आसन शरीर के हर अंग को किसी न किसी तरह से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है और साधक विभिन्न प्रकार के विकारों से बचा रहता है।
सर्वांगासन की विधि/तरीका
श्वास अन्दर भरकर पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री फिर 60 डिग्री और अंत में 90 डिग्री तक उठयें पैरों को उठाते समय हांथों का सहारा ले सकते हैं |90 डिग्री तक यदि सीधा न हो तो 120 डिग्री ले जाकर एवं हांथों को उठाकर कमर सीधा रखें पंजे ऊपर की ओर तने हुए एवं आँखें बंद हों अथवा पैर के अंगूठे पर द्रष्टि रखें दो मिनट से शुरू करके धीरे धीरे यह आसन 10 मिनट या इससे अधिक किया जा सकता है |
वापस आते समय पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोडा झुकाएं दोनों हांथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस प्रकार से उठे थे उसी प्रकार से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें जीतनी समय तक सर्वांगासन किया जाये लगभग उतने ही समय तक शवासन करना चाहिए ।
इस आसन का प्रतियोगी या पूरक आसन मत्स्यासन (काउंटर पोज़) है | अतः शवासन में आराम करने से पूर्व मत्स्यासन करने से इस आसन से अधिक लाभ होता है |
सर्वांगासन की सावधानियां
1.स्त्रियों में मासिक धर्म के दौरान इस आसन का अभ्यास करने में सावधानी रखें या इस अवस्था में सर्वांगासन का अभ्यास न करें |
2.रीड की समस्याओं से संबंधित अनुभव होने पर या चक्कर आने की स्थिति में इस आसन का अभ्यास न करें |
3.यदि गर्दन में कोई पुराना दर्द हो रहा हो तो इस अभ्यास को करने से बचें |
4.महिलाएं गर्भावस्था की अवस्था में इस आसन का अभ्यास बिल्कुल ना करें |
5.यदि व्यक्ति ग्लूकोमा तीव्र गर्दन के दर्द कंधे की चोट यदि या रेटिना से संबंधित समस्याओं से पीड़ित है तो सर्वांगासन का अभ्यास ऐसे व्यक्तियों के लिए निषेध है |
6.यदि किसी व्यक्ति के शरीर में किसी प्रकार की सर्जरी या ऑपरेशन हुआ हो तो इसका अभ्यास चिकित्सक की सलाह में करें |
7.जब व्यक्ति शुरुआत में इस आसन का अभ्यास करें तो अपने पास किसी व्यक्ति को खड़ा कर ले जिससे कोई अनहोनी हो तो वह उसकी सहायता कर सकें | सर्वांगासन का अभ्यास करते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है | सर्वांगासन का अभ्यास करते समय अपने पैरों को पूर्व दिशा की ओर रख सकते हैं |
8.इस बात का भी ध्यान दें कि अपने सिर को ऊपर की ओर न करें एवं अपने घुटनों को सीधा रखें मुड़ने न दें |
9.सर्वांगासन का अभ्यास करते समय अपने दोनों पैरों को ऊपर ले जाते समय और वापस लाते समय धीरे-धीरे धैर्य के साथ इस विधि को करें | किसी भी प्रकार के झटके न दें | क्योंकि कोई भी झटका आपके कंधे एवं पीठ की किसी नस को चढ़ा सकता है | वर्टेब्रेट कॉलम (vertebral column) रीढ़ पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है |
10.यदि आसन को करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो योग विशेषज्ञ या अपने योग गुरु की सलाह से इसका अभ्यास करें |
सर्वांगासन का वीडियो देखें
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