घुटने का दर्द और गठिया रोग यूरिक एसिड रक्त में बढ़ जाता है | यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो जाते हैं | क्रिस्टल जमा होने से जोड़ों में दर्द, जलन, सुजन होने लगती है |
गठिया बाय का रामबाण इलाज
शरीर के जोड़ों में, घुटनों में, कुल्हे, हांथों की उँगलियों के जोड़ों में दर्द होना गठिया कहलाता है | सामान्य तरह का गठिया जोइंट्स में दर्द होता है |
व्यक्ति की उम्र बढ़ने की स्थिति में जोड़ घिस जाते हैं | जोड़ घिस जाने, चोट लग जाने पर असहनीय दर्द होता है | सूजन हो जाती है | जोड़ों को हिलाने-डुलने पर दर्द होता है | शरीर में वात कुपित होने (बढ़ जाने) से जोड़ों में दर्द होने लगता है |
घुटने की संधि (जोड़) में चार अस्थियों की संधि होती है | घुटने की हड्डी के जोड़ वाले सिरे पर कार्टिलेज की परत चढ़ी होती है | कार्टिलेज चिकने एवं रबर जैसे मुलायम संयोजी ऊतकों का समूह होता है जो जोड़ों को ठीक ढंग से घुमाने में मदद करता है | घुटने के जोड़ में यूरिक एसिड जमा होने, चोट, घाव हो जाने से कार्टिलेज को हानि होती है | जिससे कार्टिलेज घिसने लगती है और घुटनों में दर्द शुरू हो जाता है |
गठिया(Arthritis) रोग कितने प्रकार के होते हैं
1.रुमेटी आर्थराइटिस
2.ओस्टिओआर्थ्राइटिस
3.गाउट
1.रुमेटी आर्थराइटिस
इसमें सैनोवियल झिल्ली में सुजन अ जाती है | कार्टिलेज के ऊपर एक मजबूत ऊतक बने जोड़ अकड़ जाता है | इसके कारण जोड़ को हिलाने से दर्द होता है | इसके बाद कार्टिलेज के स्थान पर नया उतक दोनों अस्थियों को संयोजी कर देता है | जिससे अब जोड़ अगतिशील हो जाता है |
2.ओस्टिओआर्थ्राइटिस
यह रोग वृद्ध व्यक्तियों में होता है | यह रोग जोड़ों की कार्टिलेज के अपरदन एवं जोड़ों के बीच के संधि तालों के रुक्ष होने के कारण विकसित होता है | इसके कारण चलने फिरने में दर्द होता है |
3.गाउट
सनोवियल जोड़ों में यूरिक एसिड के कण जमा होने के कारण यह रोग होता है | इसका सीधा सम्बन्ध आहार से है | प्रोटीन की मात्रा अधिक होने पर यदि उसका पाचन नहीं होता है तो वह यूरिक एसिड में बदल जाता है |
जोड़ों में दर्द का इलाज नहीं है किन्तु नियमित रूप से व्यायाम करने एवं भौतिक चिकित्सा से कुछ आराम अवश्य मिलता है |
घुटनों में दर्द होने के कारण
- उम्र अधिक होने से जोड़ कमजोर पड़ जाते हैं | इसलिए जोड़ों में दर्द होने लगता है |
- वात दोष जब अपनी चरम स्थिति में होते हैं तभी घुटनों में अधिक दर्द उत्पन्न होता है |
- अनुवांशिक कारण- परिवार गठिया रोग होने से भी होने लगता है |
- घुटनों में चोट लगने से दर्द, सूजन होने लगती है |
- मधुमेह होने से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है |
- मोटापा होने से घुटनों में अधिक भार पड़ता है और दर्द होने लगता है |
- अधिक दौड़ाने, कूदने से घुटने में दबाव पड़ता है जिससे दर्द होने लगता है |
- लगातार बैठे रहने से घुटने स्टीफ़ हो जाते हैं जोड़ जाम हो जाते हैं |
- शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण |
घुटने में दर्द होने के लक्षण
- उठने बैठने में जोड़ों में दर्द होना |
- जोड़ों में अकडन, जकडन महसूस होना |
- जोड़ों में कड़ापन, खासकर सुबह के वक्त या पूरे दिन रह सकता है |
- जोड़ों में सुबह-सुबह दर्द का होना |
- जोड़ों में दर्द के साथ बुखार को होना |
- वेस्टिंग और फेसिकुलेशन |
- घुटने के भीतर और आसपास सूजन और कठोरता |
- घुटने में कमजोरी या अस्थिरता |
- खड़े होने या चलते समय घुटने से कट-कट, पोपिंग और क्रशिंग की आवाज़ |
- घुटने को सीधा न कर पाना दर्द होना |
घुटने के दर्द के लिए आहार
सोयाबीन प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम सोयाबीन एक स्वस्थ विकल्प है |
कैल्शियम युक्त पदार्थ जैसे दूध, दही, पालक आदि का सेवन करना चाहिए | कैल्शियम को इकट्ठे करने में मदद करता है |
विटामिन डी लें | कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है और सुबह की धूप में यह लाभकारी होता है |
मछली – कुछ मछलियां सूजन से लड़ने वाले ओमेगा3 वसा युक्त एसिड से भरी होती हैं | सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार मछली का सेवन करना चाहिए |
हल्दी – हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है एक चम्मच हल्दी पाउडर को शहद और एक गिलास दूध में मिलाकर इसका नियमित सेवन करें | यह हड्डियों को मजबूत बनाता है |
चूना खाने वाला – प्रतिदिन गेहूं के दाने के बराबर दाल में मिला कर खाने से कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है | जिन्हें पथरी हो वे चूना न खाएं |
गठिया के दर्द से तुरंत राहत आयुर्वेदिक उपाय
सरसों के तेल में इन सबको उबालें जब काला पड़ जाये तब ठंडा करके छान लें | दर्द वाले स्थान पर मालिस करें | सरसों के तेल की मात्र 500 ml (आधा लीटर) में in सबको पकाकर बनाये आयुर्वैदिक दर्द निबारक तेल |
औषधि मात्रा
सरसों का तेल 500ml
सोंठ 50 ग्राम
लहसुन 50 ग्राम
अजवायन 50 ग्राम
हल्दी 50 ग्राम
काली मिर्च 50 ग्राम
लाल मिर्च 10 ग्राम
अदरक
अदरक को पीसकर या पेस्ट के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं |
बड़े हुए बात को दूर करने लाभकारी है |
अर्थराइटिस जैसी बीमारियों में सेंधा नमक और अदरक का सेवन करें |
जोड़ों में दर्द और सूजन के कारण मांस-पेशियों में आई हुई असहजता को अदरक दूर करता है |
अश्वगंधा
अश्वगंधा का तेल, पाउडर दूध या घी के साथ सेवन कर सकते हैं |
अश्वगंधा का प्रमुख रूप से प्रतिरक्षा तंत्र के कार्य में सुधार लाने एवं ऊतकों को स्वस्थ करने के लिए इसका सेवन किया जाता है |
अश्वगंधा का सेवन करने से हड्डियों एवं जोड़ों में सूजन में नियंत्रण होता है |
अरंडी
अरंडी का इस्तेमाल तेल, पेस्ट, पत्ते या पुलटिस के रूप में किया जाता है | इसके पत्तों को घी लगाकर तबे पर थोडा सा गर्म करके दर्द वाले स्थान पर लगने से दर्द दूर हो जाता है |
घुटने में दर्द होने पर अरंडी के बीजों का इस्तेमाल तेल के रूप में घुटनों में लगाकर किया जाता है | इससे दर्द से राहत मिलती है |
इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी तेल से घुटनों पर मालिश करने से घुटनों के दर्द से निजात मिलती है | इसके साथ सूखी लाल मिर्च को गोला बना कर इसके तेल में उबालकर दर्द वाले स्थान पर लगने से दर्द दूर हो जाता है |
घुटने के दर्द के लिए घरेलू उपचार
1.घुटने के दर्द के लिए घरेलू उपचारों में सबसे आम है | आइस ट्रीटमेंट जो कि रेस्ट आइस कम्प्रेशन | एलिवेशन हैराइस ट्रीटमेंट का अर्थ है पैरों को कुछ आराम देना कोल्ड कंप्रेस का अनुप्रयो सूजन को रोकने के लिए एक कम्प्रेशन पट्टी के साथ घुटने को लपेटें और अंत में आराम करते समय पैरों को एक ऊंचे स्थान पर रखें |
2.कपड़े को गर्म पानी भिगोकर उसका कार्ड बनाकर कपड़ों को घुटने में सिकाई करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है |
3.भोजन में दालचीनी, जीरा, हल्दी, अदरक का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें |
4.सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली छांछ के साथ खाएं |
5.मेथी दाना, हल्दी एवं मैथी को कूट को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और उसे पहले भी उनसे ले उसके बाद उसको प्रतिदिन एक चम्मच सुबह शाम गर्म पानी में चुटकी के रूप में सेवन करें |
घुटने के दर्द के लिए योग
हमें अपने घुटनों के समस्या के लिए इन सभी उपचारों के साथ.साथ कुछ योगासनों का भी अभ्यास करना चाहिए जिससे हमारे घुटनों के दर्द में आराम मिल सकता है |
1.मकरासन –
मकर आसन का अभ्यास करने से आपको पैरों की मांसपेशियों को काफी मजबूती मिलती है | जिसकी वजह से आपके घुटने के दर्द को काफी आराम मिलता है | इस आसन को हमेशा खाली पेट करें |
2.घुटना संचालन करना –
खड़े होकर, झुकर दोनों पैरों में हाँथ रखें और पैरों में एक फिट का अंतर रखें अब दोनों हांथों से घुटने घुमाएँ |
बैठ कर थाई को पकड़ कर उठायें घुटने को सीधा करें मोड़ें-सीधा करें मोड़ें |
इस आसन को करने से पैरों में खून का संचरण तेजी से होता है | जिससे घुटनों और जांघों की मांसपेशियों का कड़ापन खत्म हो जाता है और दर्द से राहत मिलती है |
3.त्रिकोणासन-
त्रिकोणासन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और फोकस बढ़ाने में मदद करता है यह आपकी जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और घुटने के दर्द को दूर करने में मदद करता है |
घुटने के दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट
रिंग फिंगर में नाख़ून के जस्ट थोडा नीचे | इस पॉइंट पर हलके दबाव के साथ घुमाते हुए प्रेसर दें | इसी प्रकार पैर की ऊँगली में भी करें |
घुटने के दर्द मैं रखने वाली सावधानियां
- आसन करने से पहले वार्म-अप सूक्ष्म व्यायाम करें |
- सावधानी से निर्देशक की सलाह में योग एवं व्यायाम का अभ्यास करें |
- अत्यधिक खट्टी चीजें ना खाएं |
- अधिक जरूरत पड़ने पर जब चोट ज्यादा हो या दर्द ज्यादा हो तब डॉक्टर को अच्छे टेस्ट कर इलाज करवाएं |
- जब घुटने में दर्द हो तो दौड़ने या स्पोर्ट्स में जाने से बचें |
- अपनी केपेसिटी, समर्थ का ध्यान रखें आसन करते समय दर्द हो तो वाही रुक जाएँ धीरे-धीरे करें |
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