Dhanurasana Benefits in Hindi
धनुरासन की आकृति धनुष के सामान बनती है | इससे मुख्य रूप से पेट के रोग दूर होते हैं और वजन भी कम होता है | मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनती हैं |
आसन हमेशा खाली पेट करना चाहिए | खाना खाने के 4 घंटे बाद करें | यदि आप पहली बार कर रहे हैं तो ध्यान रखें धीरे-धीरे ही अभ्यास करें | जितनी शरीर की क्षमता हो उतना ही जोर लगाये | आसन को प्रतिदिन लगातार करने से पूरा लाभ मिलता है | सुबह का समय सबसे अच्छा होता है | आप योग शिक्षक के मार्ग दर्शन में कर सकते है | धनुरासन के लाभ और विधि, सावधानियाँ इस प्रकार हैं | आगे विस्तार से पढ़ें
धनुरासन के लाभ
- यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और वहां की मांसपेशियों को लचीला बनाता है |
- इससे स्नायु दुर्बलता दूर होती है | यह कब्ज तथा पित्त विकार दूर होता है |
- यह सायटिका का दर्द, पीठ का दर्द और स्लिप डिस्क में आराम देता है |
- यह तंत्रिका तंत्र को एक्टिवेट करता है |
- यह पैरों, जांघों, नितम्बों, पेट के निचले हिस्से, डायफ्राम और कलाइयों के लिए अच्छा आसन है |
- यह रक्त संचार को सुधरता है |
- यह घुटनों, जांघों, कमर और पेट के हिस्से में जमा हुई अरितिक्त चरबी को कम करने में सहायता करता है |
- शरीर की बनावट को सुधारता है तथा शरीर को एक सकारात्मक आकार देता है |
- यह लीवर से कार्य करता है उसे सुधारने व नियंत्रित करने में सहायता करता है |
- यह रीढ़ की हड्डी के कड़ेपन को दूर करता है | और लचीलापन बढ़ाने में लाभदायक है |
- मोटापा कम करने के लिए बहुत ही अच्छा आसन हैं |
- सीना छोड़ा होता है | वजन भी कम होता है |
धनुरासन की विधि
पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ दोनों पांवों को दोनों हांथो से पकड़ें अपने शरीर को धनुष का आकार देते हुए, थोडा सा ऊपर की ओर खींचे | पैर मोड़ने से धनुरासन होता है |
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- जमीन पर पेट के बल लेट जाएँ पैर सीधे और मिले हुए हाँथ बगल में जंघाओं के पास रखें हथेलियों को ऊपर की ओर रखें |
- धीरे से दोनों पैर मोड़ कर हाथो से टखनों को पकड़ें ऊपर की ओर उठायें सिर व छाती भी उठाइये व धनुष का आकार बनाये | थोड़ी देर रुकें |
- पहले सामान्य अभ्यास करें फिर स्वास लेकर करें |
- वापस आते समय छाती व जांघें झुकाइए पांवों को छोड़ दीजिये तथा पूर्व स्थिति में आ जाइये | एक दो गहरी स्वांस लें और छोड़ें |
- पहले दोनों घुटनों में अंतर रख के भी किया जा सकता है | अभ्यास होने के बाद में दोनों पैर पास रखकर करें |
धनुरासन की सावधानियां
- जिन्हें उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर), अस्थमा (दमा), ह्रदय रोग, कमजोर फेफड़े होने पर न करें |
- हर्नियाँ, पेट का फोड़ा और आंत के क्षयरोग होने पर यह आसन न करें |
- गर्भवती महिलाएं न करें |
- पीठ में चोट, पेट में घाव होने पर न करें |
- झटके देकर, जोर या दबाव के साथ न करें |
- अभ्यास में जल्दीबाजी न करें | |
- हाथों पर अत्यधिक दबाव न दें |
- एक ही दिन में सब बनने लगेगा एसा न सोचें निरंतर अभ्यास से बनने लगता है |
- यह आसन नहीं बने तो अर्ध धनुरासन कर सकते हैं |