मकर आसन 2 से तंत्रिका तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है | इससे पेट की पीठ की मांसपेशियों की मालिश होती है | पीठ और कमर के दर्द में आराम मिलता है | स्पाइन से रिलेटेड समस्या ठीक होती है | डिप्रेशन तनाव से छुटकारा मिलता है | हाइपरटेंशन कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और टाइप टू डायबिटीज में आराम मिलता है | अस्थमा जैसे रोग ठीक होते हैं | पाचन तंत्र मजबूत होता है | भूख खुलकर लगती है | शरीर की थकावट दूर होती है | बॉडी पेन में राहत मिलती है |
Makarasana Benefits मकरासन 2 के लाभ
- यह कमर के स्पोंडेलाइटिसके लिए अत्यंत लाभकारी है |
- यह आसन रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बनाये रखनें में मदद करता है |
- उससे लगी हुई नाड़ियोंका भी व्यायाम होता है |
- यह साइटिका दर्दमें भी अत्यंत लाभकारी है |
मकरासन 2 की विधि
- जमीन पर सीधे शवासन की भांति लेट जाइये |
- दोनों पैर मिले रहें हाथ बगल में हथेलियां जमीन पर |
- दोनों हाथ कन्धों की सीधे में फैला लीजिये हथेलियां जमीन पर अंगुलियाँ परस्पर मिली हुई सीधी रखें |
- दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के अंगूठी और अंगुली के बीच रखें |
- पैरों को बाएं तरफ ले जाइये जब तक दाहिने पैर का अंगूठा बांयी तरफ भूमि का स्पर्श न करें |
- अपनी गर्दन व सिर दायीं और घुमाइये यह आसन की पूर्ण अवस्था है इससे आप 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक आराम से रह सकता हैं |
- इसी प्रकार दूसरी ओर से करें इसमें बांयी एड़ी ऊपर रहेगी गर्दन व सिर बांयी ओर घूमेगा व पैर दायी ओर रहेगी |
मकरासन 2 की सावधानियां Precautions of Makarasan 2
- स्पाइन हार्ड होने पर धीरे धीरे करें |
- आप कमर का उपरी भाग भी मोड़ सकते हैं |
- यदि किसी को रीढ़ में क्षय या कर्करोग है तो यह आसन न करें |
मकरासन 2 और मकरासन में अंतर
मकरासन 2 और मकरासन में अंतर इस प्रकार हैं
मकरासन 2 में पीठ के बल लेटकर किया जाता है वहीँ मकरासन पेट के बल लेटकर किया जाता है | मकरासन 2 में यह हांथों को कन्धों के सनतर में फैलाकर हथेलियों को फर्स के ओर या मेट की ओर रखा जाता है वहीँ मकरासन में हथेलियों को मोड़कर वी आकार में पोस्चर बनाकर चिन और दोनों गलों को ओर रखा जाता है | आशा करते हैं आप दोनों आसनों के बीच का अंतर समझ गए होंगे | आप और भी जानना चाहते हैं तो कमेन्ट करें |
धन्यवाद