Ardh chrakasan : अर्ध चक्रासन यह अर्ध पहिये के समान आसन है | यह खड़े होकर किया जाता है | खड़े होकर कमर में हाथ रखकर किया जाता है | यह आसन कई तरह से किया जाता है | इससे पीठ, पेट, रीढ़ की हड्डीयों को मजबूत बनाता है | तनाव कम होता है |
अर्ध चक्रासन के फायदे
- पेट और कमर की चर्बी को कम करता है |
- पाचन को बेहतर बनाता है |
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है |
- वजन को नियत्रित करता है |
- पीठ के दर्द को कम करता है |
- बच्चों की लम्बाई बढ़ता है |
- कंधे के दर्द में राहत डेटा है |
- भूख को बढाता है |
- फेफड़ों से जुडी समस्या से राहत देता है |
- इसके अभ्यास से खून में शुगर को कंट्रोल होता है | यह हमारे पैंक्रियास को एक्टिवेट करता है और इंसुलिन की सही मात्रा खून में बनाए रखने में मदद करता है | जिससे डायबिटीज की समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है |
- अर्ध चक्रासन के नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त मांस पेशियां सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं |
- इसका अभ्यास हमारे कंधों के दर्द कमर दर्द गर्दन को ले एवं पैरों को मजबूती प्रदान करता है |
- नियमित अभ्यास करने से फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है एवं छाती को चौड़ा करने में सहायता प्रदान करता है | इसके साथ ही श्वसन से संबंधित समस्या दमा अस्थमा आदि से निजात दिलाता है |
- अर्ध चक्रासन हमारी किडनी लीवर एवं पेनक्रियाज को सक्रिय करता है | जिससे पाचन तंत्र और भी स्वस्थ होता है और इससे संबंधित समस्याएं भी दूर हो जाती हैं |
- आज चक्रासन का अभ्यास सिर के पिछले हिस्से तथा आज्ञा चक्र को प्रमुख रूप से प्रभावित करता है | जिससे पुरानी नकारात्मक बातों का प्रभाव कम होता है एवं मन शांत होता है |
अर्ध चक्रासन की सावधानियां
- जिसको पीठ या गर्दन के आसपास दर्द हो (स्पोंड़ीलायटिस) वे ध्यान पूर्वक करें |
- अर्ध चक्रासन का प्रभाव मेरुदंड पर अधिक पड़ता है जो व्यक्ति के चलने बैठने का आधार है | इसलिए विशेष रूप से इस आसन को करते वक्त सावधानी बरतें जल्दबाजी न करें |
- अमाशय हर्निया स्लिप डिस्क एवं साइड का से ग्रसित व्यक्तियों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए |
- महिलाओं के लिए मासिक चक्र तथा गर्भावस्था की स्थिति में योग विशेषज्ञ की सलाह में ही इसका अभ्यास करें |
- आसन का अभ्यास करते वक्त किसी भी तरह के झटके से न करें एवं कमर को अत्यधिक झुकाने की चेष्टा न करें अपनी क्षमता के अनुसार ही अभ्यास करें |
- Ardh chrakasana आसन के अभ्यास के करने के पूर्व यदि व्यक्ति को किसी प्रकार का गंभीर रोग हो,चाहे वह कोई भी रोग हो तो यह आसन डॉक्टर की सलाह में करें या फिर योग प्रशिक्षक के सलाह के अनुसार ही करें | किसी भी आसन का अभ्यास आप कर सकते हैं
अर्धचक्रासन की विधि
How to do Ardh Chakrasana
- दोनों पैर मिलाकर खड़े हो जाएँ हाँथ जांघों से सटे रहें | द्रष्टि सामने की ओर रहेगी |
- यह आसन धीरे धीरे आपना एक हाथ बगल से कंधे के समान्तर लाइए |
- हाथ सीधे तने रहेंगे हथेलियां जमीन की ओर रहेगी|
- इस प्रकार हथेली को ऊपर की ओर कर लें|
- अब हाँथ ऊपर की ओर उठाना शुरू कीजिये और बांह को कान से लग जाने दीजिये अंगुलियाँ असमान की ओर उठी रहेगी |
- अब बायीं ओर झुकना शुरू करें बायीं ओर का बहग ढीला छोड़ दें बायाँ हाँथ जंघा से लगा हुआ निचे सरकता जायेगा |
- थोड़ी देर रुकने के बाद धीरे धीरे वापस ले आइये और सीधे खड़े हो जाइये |
- इस प्रकार दूसरी ओर से कीजिये यह चक्रासन का एक क्रम हुआ |
- आप इसे दो से तीन बार कर सकते हैं |
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