Makarasana Benefits : मकरासन संस्कृत का शब्द है | इसे अलग करने पर मकर+आसन मिलकर बना है | crocodile pose भी कहते हैं | मकर का अर्थ है मगरमच्छ और आसन का अर्थ है मुद्रा | नियमित मकरासन करने से पाचन तंत्र के रोग दूर होते हैं | इस आसन से कमर दर्द और पीठ दर्द दूर होता है | यह मस्तिष्क को एकाग्र बनाता है | तनाव जैसे रोग दूर होते हैं | पेट से जुडी बीमारियाँ दूर होती हैं | कब रोग ठीक होता है | मकरासन करते समय गहरी स्वास लेने और छोड़ने से अस्थमा और स्वास से जुड़ी हुई बीमारियाँ ठीक होती हैं | ह्रदय रोग में आराम मिलता है |
मकरासन के फायदे
- पेट से जुडी बीमारियाँ दूर होती हैं |
- पाचन तंत्र बेहतर होता है |
- पेट की मांसपेशियां को टोन करता है |
- कब्ज की समस्या दूर होती है |
- घुटनों का दर्द दूर होता है |
- कमर दर्द को दूर करता है |
- पीठ और स्पाइन को आराम देता है |
- ह्रदय के रोग में राहत देता है |
- अनिद्रा दूर होती है |
- मन और दिमाग शांत होता है |
- तनाव जैसी समस्या दूर होती है |
- कमर का फेट कम होता है |
- महिलाओं को बहुत ज्याद फायदा होता है |
- अस्थमा और स्वास से जुड़े रोग ठीक होता हैं
- हाइपर टेंसन और मानसिक रोगों में आराम मिलता है |
- सदी, जुखाम,और खांसी जैसी समस्या में फायदा होता है |
मकरासन की विधि
- इस आसन को करने के लिए खुली जगह होनी चाहिए |
- सबसे पहले एक चटाई बिछाकर पेट के बाल लेट जाएँ |
- अपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर रखें |
- अब धीरे धीरे सिर उठायें |
- कन्धों को ऊपर खीचें |
- हथेलियों को चिन (ठुड्डी) पर रखें |
- अब हो सके तो स्वास को धीरे-धीरे लें और छोड़ें |
- 5 से 10 गिनने तक स्थिति बनाये रखें |
- अब धीरे से वापस अ जाएँ |
- थोड़ी देर तक रुकने के बाद दूसरा आसन करें |
मकरासन की सावधानियां
- मकर पेट, कमर, गर्दन में चोट होने पर इसे न करें |
- हाई ब्लड प्रेसर होने पर न करें |
- गर्भवती महिलायें ये आसन न करें |
- मकरासन करते समय शरीर को सीधा रखें |
- गर्दन में अधिक दर्द होने मकरासन की आराम वाली मुद्रा में आ जाएँ |