Yoga for Belly Fat, Causes Symptoms, Fat Loss
बैली फेट के कारण
1.हारमोंस की खराबी के कारण
2.पाचन क्रिया खराब होने के कारण
3.भूख से अधिक खाना खाने से
4.हर समय कुछ ना कुछ खाते रहने से
5.मेटाबॉलिक कमजोर होना
6.जेनेटिक होना माता-पिता को है तो बेटे को भी हो जाता है
7.अल्कोहल का सेवन करना
8.बच्चे के जन्म के बाद उसकी माता को फैट बढ़ने के चांस रहते हैं
9.हर समय बैठे रहना
10.स्ट्रेस लेना तनाव में रहना जिससे कॉर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है उसकी वजह से फेट बढ़ता है
11.खाने में हाई फेट लेना बहुत अधिक कैलोरी वाली चीजें खाना
12.शरीर में प्रोटीन की कमी होना
13.देर रात तक जागना पूरी नींद न लेना
14.गलत दिनचर्या जल्दी बाजी हर समय भागते रहना
15.खाने को चबा चबा कर नहीं खाना
16.मिठाइयां, मीठी वाली चीजें, जलेबी, समोसा, कचोरी, पकौड़ी बाहर की चीजें खाना
बैली फेट के लक्षण
1.पेट के आसपास चर्बी का बढ़ना
2.पेट का साइज़ आगे की ओर बढ़ना
3.भूख कम लगना पेट भरा भरा सा महसूस होना
4.भुजाओं पीठ, चिन, कमर के आसपास की मांसपेशियां पर चर्बी का जमा होना गोल मटोल सा दिखाई देना
5.बीएमआई के अनुसार यदि आपका बी.एम.आई. 25 से ज्यादा है तो आप मोटापे की ओर जा रहे हो और BMI (बॉडी मास इंडेक्स) 30 है तो आप ओवरवेट हैं |
6.शरीर में फेट बढ़ने से हार्ट रोग हो सकता हैं और कोलेस्ट्रोल बढ़ सकता है
बैली फेट कम करने के उपाय
1.सबसे पहले बैली फैट के होने वाले कारणों को दूर कर देना चाहिए उन कारणों को छोड़ देना चाहिए
2.तला हुआ भुना हुआ भोजन बंद कर देना चाहिए, कभी थोड़ा बहुत खाना चाहिए
फल और सब्जियां खाना चाहिए
3.जीरे का पानी पीना चाहिए
4.नीबू और शहद पीना चाहिए
5.तली हुई चीजों से दूर रहना चाहिए
6.योगासन प्राणायाम करना चाहिए
7.कम खाएं अच्छा खाएं पोषक तत्वों से भरपूर हो
8.शुगर और नमकीन कम से कम मात्रा में खाना चाहिए
9.हमारे शरीर में मिनरल्स की उचित मात्रा रहनी चाहिए जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम, इससे मसल्स रिलैक्स होती हैं आयरन को अब्जोर्ब करती हैं
10.सीक्रेट जूस से शरीर में PH की मात्रा बनी रहती हैं, कार्टिसोल कम होता है
11.ट्रान्स फेट जैसे – चिप्स, बिस्कुट, नमकीन को न खाएं
12.खाने में फेट की मात्रा कम से कम होना चाहिए
13.अच्छी नींद लेना चाहिए
14.खाने को अच्छे से चबाचबा के खाना चाहिए
15.40 की उम्र के बाद मोटापा बढ़ सकता है शरीर में उर्जा का अधिक होना शरीर में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है उतनी यूज़ हो जाती है बाकि फेट के रूप में जमा हो जाती है
16.शरीर में फैट की मात्रा अधिक होने से दीवार कमजोर हो जाने की वजह से और डायबिटीज शुगर आदि बहुत सारी बीमारियां उत्पन्न होने लगती है
17.शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होना चाहिए
18.सलाद, फल, सब्जियां ज्यादा खाना चाहिए
बैली फैट के लिए योग
योग हमारी आत्मा शरीर और मन तीनों के लिए बहुत लाभकारी है नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से ना केवल हमारा शरीर बल्कि मन भी स्वस्थ एवं शांति का अनुभव करता है
आज के इस भाग दौड़ भरी जीवन मे बहुत से लोग हैं जो अपने मोटापे को लेकर परेशान हैं | उनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मोटे नहीं है फिर भी उनका पेट बाहर निकला हुआ है |
बैली फैट को कम करना इतना आसान तो नहीं है क्योंकि यदि पेट एक बार निकल जाए तो पेट की चर्बी कम करने में कुछ समय लगता है | अतः बैली फैट को योग के नियमित अभ्यास के द्वारा कम किया जा सकता है |
योग में कुछ योगिक क्रियाएं ऐसी हैं जो श्वास प्रश्वास से संबंधित हैं | हमारे मेटाबॉलिज्म को नियंत्रण में रखती हैं | हमारे मोटापे को भी नियंत्रण में रखती है और बैली फैट को भी कम करने में सहायक करती हैं |
यहां पर कुछ आसन बताए गए हैं जिन्हें नियमित रूप से निरंतरता के साथ प्रतिदिन करने से बैली फैट कम होता है |
भुजंगासन
बैली फैट बर्न करने के लिए भुजंग आसन का अभ्यास प्रभावशालीमाना जाता है | भुजंगासन के अभ्यास से पेट एवं कमर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे पेट से संबंधित रोग दूर होते हैं इसके साथ ही सिर दर्द, कमर दर्द की समस्याएं दूर होती हैं यह पेट की चर्बी को भी घटाता है |
भुजंगासन का अभ्यास करने की विधि इस प्रकार है |
. सर्वप्रथम मैट पर पेट के बल लेट जाएं |
. इसके पश्चात अपने दोनों पैरों को मिलाकर रखें पैरों की उंगलियां इस प्रकार रखें कि उंगलियां जमीन से स्पर्श कर रही हों |
. अपने दोनों हाथों को अपने कंधों के नीचे एक सीध में रखें |
. इसके पश्चात सांस लेते हुए अपनी नाभि के ऊपर तक के भाग को 30 डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर उठाएं इस स्थिति में शरीर की आकृति सर्प के फन फैलाए हुए दिखाई देगी |
. अब अपनी क्षमता अनुसार कुछ समय तक इसी स्थिति में बनी रहे इसके पश्चात सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को नीचे ले आए |
यह बहुत ही सरल आसन है इसे कोई भी सरलता पूर्वक कर सकता है त्रिकोणासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से इसका प्रभाव हमारे कमर और पेट के हिस्से पर अधिक रूप से पड़ता है | जिससे पेट की चर्बी घटाने में काफी मदद मिलती है त्रिकोणासन को करने की विधि इस प्रकार बताई गई है |
. त्रिकोणासन करने के लिए सर्वप्रथम मैट पर दोनों पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं |
. अब अपने दोनों हाथों को खोलते हुए दाएं पैर के पास बाएं हाथ को लाएं और जमीन पर रखें दूसरे हाथ की हथेली आसमान की ओर ऊपर उठाकर रखें |
. इस प्रकार दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया करें |
. इसी प्रकार जब नियमित अभ्यास करेंगे तो इसकी अवधि बढ़ा सकते हैं |
चक्की चालन
कई रिसर्च के अनुसार यह माना गया है कि चक्की चालन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी घटाने में बहुत जल्द ही लोगों में फर्क नजर आने लगता है | इससे हमारे पेट की मांसपेशियों पर अधिक प्रभाव पड़ता है | जिससे बैली फैट को कम किया जा सकता है चक्की चालन करने की विधि इस प्रकार बताई गई है |
. इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मेट पर अपने दोनों पैरों को फैलाकर बैठ जाएं |
. अब अपनी दोनों बजाओ को कंधे की सीध में रखते हुए आगे की तरफ फैलाएं और दोनों हाथों की मुट्ठी बनाते हुए फिंगर लॉक करें |
. अब अपने कमर के ऊपर के हिस्से को हाथ के साथ-साथ पहले क्लॉक बाईज 5 से 10 बार पूरा गोल घूम आए इस प्रकार हाथों को चलाएं कि एक पूरा सर्कल बने |
. इसके पश्चात यही प्रक्रिया एंटी क्लॉक वाइज करें |
. इस आसन का अभ्यास करते समय यह ध्यान रखें कि आसन को करते वक्त आपके पैर स्थिर रहें घुटने से मोड़कर ना रखें |
यह आसन पेट के बल लेट कर किया जाता है इसे करते समय हमारे शरीर की आकृति धनुष के समान दिखाई देती है | इसलिए इसे धनुरासन कहा गया है | इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम की जा सकती है इसके साथ-साथ किडनी, अग्नाशय से संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं |
धनुरासन करने की विधि इस प्रकार बताई गई है
. धनुरासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम मैट पर पेट के बल लेट जाएं |
. अब अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़ कर रखें और अपने दोनों हाथों से दोनों पैर की अँगुलियों को पकड़कर रखें |
. अब सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं अपनी क्षमता के अनुसार जितने समय तक रुक सकते हैं रुके और आप धीरे-धीरे सांस लेते रहें और छोड़ते रहे |
. अब अंतिम स्थिति में लंबी गहरीसांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में लौट आयें रिलेक्स करें |
. इस प्रकार चार से पांच चक्र धनुरासन के किए जा सकते हैं |
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम एक ऐसा प्राणायाम है जिसका नियमित अभ्यास पेट की मांसपेशियों को ट्यून करने के साथ-साथ बैली फैट को भी बर्न करता है आइए इस प्राणायाम को करने की विधि देखते हैं |
. इस प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मेट पर सुखासन या पद्मासन की स्थिति में गर्दन एक चीज में रखते हुए बैठ जाएं |
. दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें और अपनी आंखों को सरलता के साथ बंद कर ले |
. अब अपने दोनों नासिका से धीरे-धीरे रेचन की क्रिया अर्थात धीरे-धीरे सांस छोड़नी है ध्यान रहे साथ किस प्रकार छोड़नी है कि पेट अंदर की ओर जाएगा
इस दौरान सांस लेने की प्रक्रिया स्वयं ही हो जाती है |
. इस प्रकार जब तक संभव हो यही प्रक्रिया करें यह कपालभाति प्रक्रिया कहलाती है इसके 5 से 10 बार सुबह और शाम करने से पेट को कम किया जा सकता है |
. आपनी क्षमता के अनुसार भी कर सकते हैं एक स्वस्थ व्यक्ति को 250 स्टोक करना चाहिए | आप बिगनर हैं तो एक दिन में 5 से 10 स्टोक से शुरू करें, स्टोक एक सेकेण्ड में एक रखें, इसे धीरे धीरे अपने समर्थ के अनुसार बढ़ाते जाएँ |
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