तितली आसन स्त्री और पुरुषों की बहुत सारी समस्याओं को दूर करता है | तितली आसन करने से अनेक फायदे होते हैं | शरीर रिलैक्स हो जाता है | थोड़ी देर करने से शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है | इसमें महिलाओं को और पुरुषों को लोअर पार्ट जनन अंगों संबंधित रोगों को समस्याओं को दूर करता है | स्टेमिना बढ़ता है | थकान दूर करता है | ऑफिस और घर के कामों की वजह से स्त्रियों को समय नहीं मिल पाता और खानपान की गलत आदत की वजह से अनेक समस्याएं होने लगती हैं | जैसे मासिक धर्म सम्बंधित, पीसीओडी आदि रोग दूर होते हैं | पुरषों के प्रोस्टेट रोग दूर होता है | शरीर के निचले हिस्से में रक्त का प्रवाह बड़ी तेजी से होता है उसी से रोग दूर होते हैं |
titli asana kya hai तितली आसन का नाम – इसमें अपनी जांघों और घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर निचे करना होता है | तितली के पंखों की तरह फड़फड़ाते हैं | इसलिए इसका नाम तितली आसन है | तितली के पंखों की तरह घुटनों, थाई की आकृति बन जाती है | यदि अपने थाई मसल्स, घुटनों जमीन से सटा कर रखें तो यह बद्ध कोणासन कहलाता है | इसमें दोनों हाथों का ग्रिप बनाकर पैर के पंजों को पकड़ लें | इसमें जितने ज्यादा एड़ियों को लोअर पार्ट के लीचे टच हो उतना ही अच्छा रहता है | इस आसन को आराम से धीरे धीरे अपने समर्थ के अनुसार करें | इससे मासिक धर्म से जुडी हुई महिलाओं के रोग दूर होते हैं और प्रोस्टेट पुरुष जननांग के रोग दूर होते हैं |
तितली आसन की विधि
1.जमीन पर मेट बिछाकर सुखासन में बैठ जाए |
2.पीठ सीधी रखें कंधे रिलैक्स |
3.आप दोनों पैरों के तलवों को आपस में चिपका ले |
4.दोनों हाथों से पैरों की उंगलियों को हाथ से पकड़ ले |
5.घुटनों को जमीन पर सटा लें बहुत जोर न लगायें |
6.एड़ियों को लोअर पार्ट से सटा ले |
7.जब घुटनों को ऊपर करें तो सांस लेना और जब घुटनों को नीचे करें तो सांस को छोड़ना |
8.किसी प्रकार का दर्द होने पर आराम से करें अधिक जोर न लगायें |
9.तितली के पंखों की तरह घुटने को अप डाउन करें |
10.इस प्रकार 2 से 3 मिनट तक लगातार करें |
तितली आसन के लाभ
1.तितली आसन मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करता है |
2.डिलीवरी का दर्द कम होता है | इसे पहिले महीने से सतावे माह तक कर सकते हैं |
3.प्रेग्नेंसी के समय होने वाली समस्याओं जैसे तनाव, चिडचिडापन को दूर करता है |
4.इससे नींद बहुत अच्छी आती है |
5.थाई और पैरों को फ्लेक्सिबल के साथ–साथ मजबूत बनाता है |
6.पैर और कमर में रक्त संचार तेजी से होता है |
7.पाचन तंत्र के कार्य को सक्रीय बनाता है | कब्ज को दूर करता है |
8.पुरुषों के प्रोस्टेट ग्रंथि के रोग ठीक होता है |
9.बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है | हड्डियाँ को मजबूत बनाता है तथा मेमोरी को बढाता है |
10.रीढ़ की हड्डी को स्ट्रांग बनाता है | इससे बॉडी का पोस्चर अच्छा होता है |
11.यौन शक्ति को बढाता है | रक्त संचार को बढाता है |
12.स्पर्म काउंट को बढाता है |
13.जांघ का फेट कम होता है |
14.प्रोस्टेट केंसर से बचाव होता है |
15.अंदरूनी मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं |
16.कब्ज दूर होता है | आंतें सुचारू रूप से कार्य करतीं हैं |
तितली आसन की सावधानियां
1. घुटनों में दर्द होने पर न करें, थोडा होने पर धीरे धीरे कर सकते हैं |
2.पैरों में चोट या मोच होने पर इसे न करें |
3.साइटिका होने पर या किसी वजह से डाक्टर ने मना किया हो तो इसे न करें |
4.धीरे धीरे करें | आपने शक्ति क्षमता के अनुसार करें |
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