Kapalbhati Pranayam – कपालभाति प्राणायाम | दमा | सर्दी | कब्ज | Healthyog

Kapalbhati Pranayam – कपालभाति प्राणायाम करने के लिए पद्मासन, सुखासन में बैठ जाएं अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में रख ले | अब हाथो को दोनों घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में और एक बार गहरी लेना गहरी सांस छोड़ना | इसके बाद झटके के साथ स्वास को बाहर छोड़े और पेट को अंदर की ओर रखना, इस प्स्वरकार बार बार करना | स्वास छोड़ने पर ध्यान देना सांस लेने पर ध्यान नहीं देना, धीरे-धीरे अपने समर्थ के अनुसार करना | 5 से 7 मिनट तक इसका अभ्यास करना चाहिए | इसे हमारे शरीर के अनेक रोग दूर होते हैं | जैसे फेफड़ों के रोग, लीवर पेनक्रियाज, हृदय रोग से संबंधित दूर होते हैं | कोलेस्ट्रॉल कम होता है | तंत्रिका तंत्र अच्छा रहता है | चेहरे की झुर्रियां दूर हो जाती हैं | आंख के नीचे कलापन भी दूर होता है | दांत दर्द में आराम मिलता है | बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है | वजन कम होता है | वेट लॉस होता है | शरीर की चर्बी, कमर की चर्बी दूर होती है | कब्ज, गैस, एसिडिटी भी दूर होती है | रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है | रक्त शुद्ध होता है | दिमाग तेज होता है | स्टूडेंट के लिए यह प्राणायाम बहुत लाभकारी है |

कपालभाति प्राणायामकपालभाति प्राणायाम के लाभ 

यह दमा, सर्दी, कब्ज में अत्यंत लाभकारी | यकृत, प्लीहा, बलशाली हो जाते हैं तथा श्वास लेने में स्थिरता | मस्तिष्क और मुखमंडल पर ओज, तेज, आभा, सौंदर्य बढ़ता है | श्वास, एलर्जी, साइनस रोग नष्ट हो जाते हैं | ह्रदय, फेफड़ों, मस्तिष्क के समस्त रोग दूर होते हैं | प्राणायाम हमारे फेफड़ों को शुद्ध कर उनका विस्तार करता है तथा उनकी क्षमता को बढ़ाता है|

इस अभ्यास के समय अधिक मात्रा में ऑक्सीजन हमारे शरीर में जाती है | यह हमारे स्वसन  संस्थान को अधिक सक्रिय बनाता है| मधुमेह, गैस, कब्ज, अम्लपित, किडनी, प्रोस्टेट सम्बंधित सभी रोग दूर होते हैं | मन स्थिर शांत डिप्रेशन रोगों से छुटकारा मिलता है | दुर्बल आँतों को सबल बनाने के लिए यह प्राणायाम सर्वोत्तम है |

यह अभ्यास पाचन अंगों को उत्प्रेरित कर उनकी मालिश करता है तथा उन्हें शक्तिशाली बनाता है | कपालभाति प्राणायाम मस्तिष्क के केंद्रों को जगाने में सहायक होता है| यह मस्तिष्क के अग्र भाग को शुद्ध करने का एक उत्तम अभ्यास है |

कपालभाति प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करने से रक्त संचार में वृद्धि होती है एवं त्वचा में निखार आता है एवं आंखों के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं|

ध्यान में प्रगति के लिए ध्यान करने के पूर्व इसका अभ्यास करना एक अच्छा साधन है | कपालभाति ध्यान के लिए उत्तम पृष्ठभूमि तैयार करता है | इससे मन शांत एवं ग्रहण शील हो जाता है तथा विचार रहित होकर भावनाओं से ऊपर उठने लगता है|

कपालभाती की दशआवृत्तियों के अभ्यास के पश्चात नींद नहीं आ सकती हैं | अतः जो लोग मानसिक कार्य करते करते थक जाते हैं या नींद आ जाती है अथवा प्रातः काल उठने के बाद फिर से सोना चाहते हैं | उनके लिए जगने तथा दिमाग को शक्तिशाली बनाने के लिए इसका अभ्यास करना उत्तम साधन है |

कपालभातिप्राणायाम का अभ्यास यदि नियमित रूप से करें तो मोटापे को कम किया जा सकता है | अपने वजन को कम करने में यह प्राणायाम काफी मददगार है |

 

ध्यान रखें कमर सीधी, सर सीधा स्पाइन सीधीरखें | धीरे-धीरे प्राणयाम करें | जल्दीबाजी न करें | श्वास छोड़ने में ध्यान देना है | पहेल अभ्यास धीरे-धीरे फिर अपनी क्षमता के अनुसार बढ़ाते जाएँ | पहले ही दिन अधिक न करें | अपना ध्यानचिदाकशपर लगाएंलगातार प्रत्येक दिन करें |

हमेशा खाली पेट करें | खाना खाने के ३ घंटे बाद करें | सुबह बहुत अच्छा है सायं को भी कर सकते हैं | यदि नाक अवरुद्ध है तो जल नीति के पूर्वाभ्यास द्वारा साफ कर लें | इस अभ्यास में ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार का तनाव नहीं होना चाहिए|

हमेशा खाली पेट ही कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करें ध्यान रहे कि गर्मी के दिनों में अभ्यास की आवृत्ति कम कर दें |

 

कपालभाति की सावधानियां

जिन्हें अल्सर, पित्तएवं वात रोग की की शिकायत हो वे न करें | पेट का ऑपरेशन होने पर६ माह के बाद करें | उच्च रक्तचाप, हर्नियागैस होने पर बहुत धीरे-धीरे करें |

इसका अभ्यासव्यक्ति की क्षमता पर निर्भर करता है अपनी क्षमता के अनुसार इस प्राणायाम का अभ्यास करें, आवश्यकता से अधिक न करें | जल्दबाजी में न करें |

यदि अभ्यास के दौरान व्यक्ति किसी भी प्रकार की असुविधा का अनुभव कर रहा होजैसे कि जी मचलना, उल्टी आना,चक्कर आनाआदि तो इस अभ्यास को बंद कर दें |

यदि आपने आर्टिफिशियल पेसमेकर या स्टैंड लगवाया है तो कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने से बचें |

महिलाओं को मासिक धर्म एवं गर्भावस्था के दौरान इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए | इस बात का ध्यान रखें |

यदि आपको पहले से कोई मानसिक समस्या है जैसे अवसाद या हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं हैं तो इसका अभ्यास योग प्रशिक्षक के निगरानी में ही करें |

 और भी देखें

कपालभाति प्राणायाम का विडियो देखें

 

 

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